पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फॉरेन डायरेक्ट निवेश (FDI) के नियमों में बदलाव के लिए मोदी सरकार का धन्यवाद किया है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि मैंने कुछ दिनों पहले FDI नियमों में बदलाव की बात की सिफारिश की थी. मुझे खुशी है कि केंद्र सरकार ने मेरी चेतावनी पर अमल किया.
इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि देश में आर्थिक सुस्ती से भारतीय कॉरपारेट कंपनियां काफी कमजोर हुई हैं और टेकओवर के लिए दूसरे देशों के निशाने पर हैं. सरकार को इसकी इजाजत नहीं देनी चाहिए कि कोई विदेशी कंपनी इस संकट के दौर में किसी भारतीय कंपनी पर अधिकार हासिल कर ले.
12 अप्रैल को राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘देश भयंकर मंदी की चपेट में है. इस वजह से कई भारतीय कंपनियां कमजोर हुई है ऐसे में डर है कि विदेशी कंपनी इसका फायदा उठाते हुए कंपनी को टेकओवर कर ले. भारत सरकार को इस दिशा में प्रयास करते हुए विदेशी ताकतों को भारतीय कंपनियों के अधिग्रहण से रोकना चाहिए.’
I thank the Govt. for taking note of my warning and amending the FDI norms to make it mandatory for Govt. approval in some specific cases. https://t.co/ztehExZXNc
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 18, 2020
दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है. कोई भी कंपनी पूरी ताकत के साथ काम नहीं कर रही है, इसलिए उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है. वो कोई फायदा कमा नहीं पा रही है. इस वजह से बाजार में कंपनी की कीमत कम हो रही है.
दूसरे शब्दों में कहें तो उसकी मार्केट वैल्यू गिर गई है. ऐसे में ओपन मार्केट से शेयर खरीद कर विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनी का अधिग्रहण कर सकती है. यानी कि कंट्रोल अपने हाथों में ले सकती है.
जिस तरह चीन के केंद्रीय बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने हाउसिंग लोन देने वाली भारत की दिग्गज कंपनी HDFC लिमिटेड के 1.75 करोड़ शेयर खरीद लिए हैं. बीएसई को दी गई जानकारी के मुताबिक निवेश के बाद एचडीएफसी में चीनी केंद्रीय बैंक की हिस्सेदारी 1.01 फीसदी है.
एचडीएफसी में पहले से ही कई विदेशी कंपनियों या संस्थाओं की इससे ज्यादा हिस्सेदारी है. इनमें इनवेस्को ओपनहीमर डेवलपिंग मार्केट फंड (3.33 फीसदी), सिंगापुर सरकार (3.23 फीसदी) और वैनगॉर्ड टोटल इंटरनेशनल स्टॉक इंडेक्स फंड (1.74 फीसदी) शामिल हैं.