महाराष्ट्र में एक टीवी पत्रकार के खिलाफ उस खबर को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें कहा गया था कि ट्रेन सेवाएं बहाल होंगी, जिसके कारण उपनगर बांद्रा में मंगलवार को प्रवासी कामगार उमड़ पड़े।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के आरोपी राहुल कुलकर्णी को हिरासत में ले लिया गया है और पुलिस उसे मुंबई ला रही है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में एक खबर में कुलकर्णी ने कहा था कि लॉकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों के लिए जन साधारण विशेष ट्रेनें बहाल होंगी। अधिकारी ने बताया कि उस पर आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और 117 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Maharashtra police has filed complaint against @abpmajhatv reporter Rahul Kulkarni for spreading rumours under the Epidemic Desease Act 1897 section 3 of IPC r/w, 117, 188, 269, 270, 505(2). Reporter had reported that trains will start on April 14 that cause protest in Bandra.
— Sudhir Suryawanshi (@ss_suryawanshi) April 15, 2020
Maharashtra police arrested @abpmajhatv reporter Rahul Kulkarni from his home town Osmanabad for allegedly spreading fake news that trains will start on April 14, 2020. Such circular was issued by Railway ministry, the details inquiry should happen & culprit should be punished
— Sudhir Suryawanshi (@ss_suryawanshi) April 15, 2020
गौरतलब है कि मंगलवार दोपहर को यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन के समीप 1,000 से अधिक प्रवासी कामगार उमड़ पड़े थे जिनमें से अधिकतर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के थे। वे मांग कर रहे थे कि राज्य सरकार उनके लिए यातायात का प्रबंध करें ताकि वे अपने-अपने शहर और गांव लौट सकें।
मुम्बई के बांद्रा स्टेशन पर उमड़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़ के पीछे एबीपी माझा मराठी न्यूज़ ने सुबह 11 बजे खबर चलाई कि प्रवासियों को उनके गांव ले जाने के लिए बांद्रा से ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
@CMOMaharashtra
एबीपी न्यूज़ ABP News के मराठी चैनल ने किसके इशारे पर यह साज़िश की ?
आज मुम्बई के बांद्रा स्टेशन पर उमड़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़ के पीछे एबीपी माझा मराठी न्यूज़ ने सुबह 11 बजे खबर चलाई कि प्रवासियों को उनके गांव ले जाने के लिए बांद्रा से ट्रेनें चलाई जा रही ह pic.twitter.com/XYOLYN8bwj— Imteyaz Ansari (@imteyaz87) April 14, 2020
सूत्र बता रहे हैं कि क़रीब 150 बसों में भरकर उन्हें स्टेशन तक लाया गया । लिहाजा हजारों की भीड़ का स्टेशन पर जमा होना स्वाभाविक था।
बड़ा सवाल यही है कि किसके इशारे पर एबीपी मराठी ने यह गलत खबर चलाई।
इसी खबर के फैलने से हज़ारों प्रवासी मज़दूर रेल स्टेशन पर जमा हो गए थे। गंभीर सवाल यह है कि इसी ग्रुप का हिंदी चैनल मामले को मुस्लिम एंगल देकर कान्सपिरेसी थ्योरी आगे बढ़ा रहा था।