आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन-2 की घोषणा की। इसके बाद अचानक मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों की भीड़ घर वापस जाने के लिए इकट्ठा हो गई है। इससे पहले दिल्ली और नोएडा के बॉर्डर पर भी अचानक घर वापस जाने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी।
अब बांद्रा की इस भीड़ को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे ने जहां केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मुंबई के बांद्रा में लॉकडाउन -2 की घोषणा के बाद इकठ्ठा हुई भीड़ के मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की है।
जो मुम्बई में हो रहा हैं, हजारों लोग एक साथ एक जगह – ये बिना बिना प्लानिंग के असम्भव
जैसे दिल्ली में बसें भरभरकर भीड़ भेजी गई, मुम्बई में भी वैसी ही साजिश है
ट्रेनें बंद हैं तो भीड़ स्टेशन पर कैसे आई?
क्या मास मेसेजिंग हुई?कुछ लोग देश के खिलाफ बहुत गन्दी साजिश कर रहे हैं
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 14, 2020
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, ‘जो मुंबई में हो रहा है, हजारों लोग एक साथ एक जगह, यह बिना प्लानिंग के असंभव है। जैसे दिल्ली में बसों में भीड़ भेजी गई, मुंबई में भी वैसी ही साजिश है। ट्रेनें बंद हैं तो भीड़ स्टेशन पर कैसे आई? क्या मास मैसेजिंग हुई? कुछ लोग देश के खिलाफ बहुत गंदी साजिश कर रहे हैं।’
तीन बड़े कड़वे सवाल –
1. अगर घर जाने वाले मजदूरों की भीड़ तो इनमें से किसी के भी पास बड़े बैग, थैले, समान क्यूं नहीं?
2. भीड़ जामा मस्जिद के सामने क्यूँ?
3. महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक का लॉकडाउन पहले से ही घोषित था तो आज हंगामा क्यूं?
ये साजिश हैं pic.twitter.com/vDSfWXHNKM
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 14, 2020
कपिल मिश्रा ने आगे सवाल पूछते हुए लिखा, ‘तीन बड़े कड़वे सवाल- अगर यह घर जाने वाले मजदूरों की भीड़ तो इनमें से किसी के भी पास बड़े बैग, थैले, समान क्यूं नहीं? भीड़ जामा मस्जिद के सामने क्यूं? महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक का लॉकडाउन पहले से ही घोषित था तो आज हंगामा क्यूं? ये साजिश है’
In fight against #coronavirus we all should be united but People like @kapilmishra_IND are not even listening to PM and giving communal colour to unfortunate incidence happened at bandra . @mumbaipolice should register FIR against such elements. pic.twitter.com/ENVQQtdhxB
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) April 15, 2020
शिवसेना नेता संजय राउत ने भी मुंबई पुलिस से अपील की है की कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हम सभी को एकजुट होना चाहिए। लेकिन कपिल मिश्रा जैसे लोग पीएम की बात भी नहीं सुन रहे हैं और बांद्रा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं। मुंबई पुलिस को ऐसे तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।”
बिना किसी फैक्ट चेक के इस तरह का ट्वीट और वो भी एक बार नहीं, बार बार। सरकार और आम लोग जब कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे हैं, सबकी परेशानी बढ़ाने वाला, बेवजह भड़काने वाला ये व्यक्ति- इस पर कहीं कोई रोक-टोक, कार्यवाई क्यों नहीं?? https://t.co/5osXu5hiVx
— Kadambini Sharma (@SharmaKadambini) April 15, 2020
जहां पहले ही लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी मज़दूर अपने अपने घर वापस जाने के लिए बड़ी तादाद में इकठ्ठा हुए थे। लेकिन मुंबई के नज़ारे में फर्क बस इतना था कि वहां एक मस्जिद भी स्क्रीन के फ्रेम में आ रही थी।
बस फिर क्या था, नफ़रत की दुकान चलाने वाले कपिल मिश्रा के लिए ये नज़ारा किसी ऑक्सीजन से कम नहीं था। उन्होंने फौरन ही मामले में मस्जिद की भूमिका को कटघरे में खड़ा कर दिया।
इनकी भी देशभक्ति देखिए 😡
दिल्ली में अपने Ac रूम में बैठे कपिल मिश्रा को मुंबई की घटना में हिन्दू-मुस्लिम दिखने लगा। इनको बेसहारा मजदूरों की बेबसी में इन्हें "सजिश" नजर आ रही है। इनको इतना बड़ा बांद्रा स्टेशन नहीं दिखा पर मस्जिद दिख गयी। धन्य हो प्रभु आप और आपकी सोच। 🙏 🙏 👏😡 pic.twitter.com/c2eTjYBvSg— Saurabh Nirbhik (@SaurabhNirbhik) April 15, 2020
उन्होंने बिना किसी सबूत के इसे मस्जिद द्वारा कि गई देश के खिलाफ साज़िश तक बता डाला। संकट के समय में कपिल मिश्रा द्वारा की गई इस शर्मनाक हरकत की जमकर आलोचना हो रही है। लोग कपिल मिश्रा को देश में नफ़रत फैलाने के लिए गिरफ़्तार किए जाने कि मांग कर रहे हैं।