फर्जी ख़बर के जरिये से नफरत फैलाने के लिए ज़ी न्यूज़ मशहूर हो गया है. चैनल ने नफ़रत फैलाने के उद्देश्य से तब्लीगी जमात के ख़िलाफ़ भ्रामक खबर चलाई, जिसके लिए उसे फटकार लगाए जाने के बाद माफ़ी मांगनी पड़ी थी।
Unpopular opinion:
मराठी चैनल के रिपोर्टर को फेक न्यूज़ फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया जबकि रिपोर्टर ने सूत्रों के हवाले कहा कि 'विचार' जारी है
लेकिन अगर गलत खबर के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया तो देश के बड़े एंकर और ज़हर फैलाने वाले कुछ लोगों की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए 🙏🏼— sohit mishra (@sohitmishra99) April 15, 2020
NDTV के रिपोर्टर सोहित मिश्रा ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये अपनी बात शेयर करते हुए लिखा है कि, मराठी चैनल के रिपोर्टर को फेक न्यूज़ फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया जबकि रिपोर्टर ने सूत्रों के हवाले कहा कि ‘विचार’ जारी है लेकिन अगर गलत खबर के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया तो देश के बड़े एंकर और ज़हर फैलाने वाले कुछ लोगों की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए’
इसके अलावा भी सोशल मीडिया पर ऐसे बड़े एंकरों की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है जो मेनस्ट्रीम मीडिया के जरिये पुरे देश में नफरत और झूठ फ़ैलाने का काम कर रहे हैं.
शोएब जैदी नाम के यूजर ने सोहित मिश्रा को जवाब देते हुए लिखा कि, यही होना चाहिए बड़े बड़े पत्रकारों के साथ भी चाहे कोई भी जो झूठी खबर चलाए जेल जाना चाहिए। कुछ नाम मै बता देता हूं सोहित मिश्रा जी रुबिका लियाकत, रोहित सरदाना, चित्रा त्रिपाठी, सुधीर चौधरी, रजत शर्मा’
घनश्याम राजोरा नाम के यूजर ने लिखा कि, आखिर में गोदिमीडिया ने कड़ी मेहनत के बाद मुंबई स्टेसन के बाहर हजारों की भीड़ में मस्जिद ढूंढ ही ली.
प्रदीप गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा, बिलकुल होनी चाहिए ज़हर फैलाने वाले बड़े एंकर्स की गिरफ़्तारी सारा देश आपकी इस बात से सहमत होगा’
अभी हाल ही में ज़ी न्यूज ने तब्लीगी जमात को लेकर एक खबर चलाई थी। खबर में चैनल ने ये दावा किया था कि अरूणाचल प्रदेश में कोरोना से संक्रमित जमात के 11 मरीज़ मिले हैं। इसी खबर पर चैनल ने ये सवाल भी किया कि जमात की जिद्द आखिर कितने लोगों की जान लेगी?
लेकिन इससे पहले कि खबर की पड़ताल की जाती आईपीआर अरूणाचल प्रदेश ने ही खबर का खंडन कर दिया। आईपीआर ने ट्वीट कर बताया कि अरूणाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमित सिर्फ एक मरीज़ है। ज़ी न्यूज़ की खबर पूरी तरह से फेक है।
आईपीआर द्वारा खबर का खंडन किए जाने के बाद जब चैनल की फजीहत हुई तो चैनल ने सामने से आ कर खुद ही माफ़ी मांग ली। चैनल ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा की मानवीय भूल से zee news पर अरुणाचल प्रदेश में तब्लीगी जमात के 11 लोगों संक्रमित होने की खबर दिखाई गई। इस गलती का हमें खेद है।
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब ज़ी न्यूज ने जमात को लेकर इस तरह की फर्जी खबर चलाई हो। इससे पहले चैनल ने 6 अप्रैल को एक खबर चलाई थी, जिसमें ये दावा किया गया था कि उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में 4 तबलीगी जमाती कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, लेकिन जब इन लोगों को पुलिस लेने पहुंची तो इन लोगों ने पथराव शुरू कर दिया।
लेकिन जब इस खबर के बारे में फिरोजाबाद पुलिस को पता चला तो उसने चैनल को फटकार लगते हुए खबर को डलीट करने के लिए कहा। पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि आपके द्वारा असत्य एवं भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। जबकि जनपद फिरोजाबाद में न तो किसी मेडिकल टीम एवं न ही एंबुलेंस गाड़ी पर किसी तरह का पथराव किया गया है। आप अपने द्वारा किए गए ट्वीट को तत्काल डिलीट करें।
इसके अलावा ज़ी न्यूज़ ने कन्हैया कुमार और नवजोत सिंह सिद्धू का फेक विडियो भी चलाया था जिसके बाद सोशल मीडिया में ज़ी न्यूज़ और सुधीर चौधरी की सोशल मीडिया में खूब फजीहत हुई थी.