वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार को तीन स्तर पर संकट से निपटने की नसीहत दी है। उन्होंने गुरुवार (30 अप्रैल, 2020) को ट्वीट कर कहा कि तीन स्तरों पर संकट हैं जिनसे निपटने की जरुरत है।
पहला नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में सांप्रदायिक उकसावे पर हिंसक आंदोलन के बाद पैदा हुए हालात। दूसरा वित्त मंत्रालय (MoF) के नौसिखियों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत। तीसरा है कोरोना वायरस महामारी।
ट्वीट में आगे लिखा गया है कि मोदी सरकार को एयर इंडिया को बेचने जैसे रोमांच से बाहर निकलकर इन तीनों मुद्दों पर ध्यान देने की जरुरत है।
बता दें कि देश में पिछले साल सीएए कानून के अस्तित्व में आने के बाद जगह-जगद हिंसक प्रदर्शन हुए और दर्जनों लोगों की जान चली गई। कोरोना वायरस महामारी के देश में पैर पसारने से पहले सीएए देश में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना रहा।
अब इस घातक महामारी के चलते देश में 24 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जिसके चलते लाखों करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। कोरोना के चलते देश की विकास दर भी कई सालों के निचले स्तर पर आ गई है।
वैश्विक रिसर्च व ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस ने कहा कि चालू कारोबारी साल (कारोबारी साल 21) में देश की जीडीपी विकास दर घटकर -0.4 फीसदी तक आ सकती है। इससे पहले कंपनी ने चालू कारोबारी साल में देश की विकास दर 2.5 फीसदी रहने का अनुमान दिया था।
इसी बीच भाजपा नेता के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं। अंकित तिवारी @shimputiwari लिखते हैं, ‘हां एयर इंडिया और भारतीय रेलवे भारत सरकार के अधीन ही होनी चाहिए।’ धरमा @Dharma2X लिखते हैं, ‘एयर इंडिया देश की नंबर वन एयरलाइंस है।
जब हमारे पड़ोसी देश गरुड़ (इंडोनेशिया) एयर श्रीलंका (श्रीलंका), मलेशिया इयरलांइस (मलेशिया)स सिंगापुर इयरलाइंस (सिंगापुर) जैसी एयरलाइंस चलाते हैं। एयर इंडिया भी भारत के लिए प्रीमियर एयरलाइंस हो सकती है!’
इसी तरह सोनम कुमारी @sonamkumarig लिखती हैं, ‘हिंदू राष्ट्र घोषित करो।’ एक यूजर @KalyanBalu7 लिखते हैं, ‘किंगफिशर और जेट एयरवेज के साथ एयर इंडिया वास्तव में कोविड-19 संकट के दौरान एक शानदार प्रदर्शन करने के बाद वास्तव में वापसी कर सकती हैं।’
सुरेश शर्मा @sureshhssharma लिखते हैं, ‘समझाइए आप से बेहतर कौन समझा सकता है आदरणीय।’ निरंजन त्रिपाठी @NiranjanTripa16 लिखते हैं, ‘इनको पूछता कौन हैं। चाहे भाजपा हो या जनता।’